दोस्तों बचपन से हमें दूध पिने के लिए कहा जाता है और हम पिटे है और आज बच्चोंको भी पिने को बोलते है , क्या आपको पता है , बचपन में वैसे तो पैकेट वाला दूध ज्यादा पाया नहीं जाता था , हमें गे या भैंस का दूध मिलने की गारंटी थी,लेकिन आज कल पाश्चराइज़्ड दूध का जमाना है जानते है डिटेल में इस दूध के बारे में और उसके सेवन के बारे में.
आइये नज़र डालते है दूध के परिक्षण में क्या क्या हासिल हुआ ?
रिपोर्ट पर एक करीबी नज़र हालांकि अन्यथा सुझाव देती है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि दूध के नमूनों, विशेष रूप से संसाधित दूध का पर्याप्त अनुपात खपत के लिए असुरक्षित है और यह उपभोक्ताओं को संसाधित दूध के इन ब्रांडों के बारे में सूचित नहीं करने का विकल्प चुनता है। यह दूध में एंटीबायोटिक दवाओं से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान नहीं करता है।
जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है, एफएसएसएआई ने भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थानीय डेयरी फार्मों, विक्रेताओं, खुदरा दुकानों, दूध मंडियों और प्रसंस्करण इकाइयों से दूध के नमूने (कच्चे और संसाधित दोनों) एकत्र किए थे ।
इन दूध के नमूनों की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए परीक्षण किए गए थे। गुणवत्ता परीक्षण में वसा और ठोस पदार्थ-वसा (एसएनएफ) शामिल थे। मिलावट और दूषित पदार्थों की उपस्थिति के आधार पर सुरक्षा का मूल्यांकन किया गया था। बारह मिलावटी (जैसे कि यूरिया, चीनी, माल्टोडेक्सट्रिन, आदि) और तीन श्रेणियों के संदूषक (एफ्लाटॉक्सिन एम 1, एंटीबायोटिक, और कीटनाशक) का मूल्यांकन किया गया था।
असुरक्षित दूध के नमूनों के आंकड़ों पर गहराई से देखें तो पता चलता है कि देश में प्रसंस्कृत दूध के नमूनों (2,607 में से 271) में से 10 प्रतिशत से अधिक एफ्लाटॉक्सिन एम 1, एंटीबायोटिक्स और कीटनाशकों जैसे दूषित पदार्थों की उपस्थिति के कारण असुरक्षित पाए जाते हैं। सहिष्णुता सीमा एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित की गई है।
दूसरे शब्दों में, उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे गए दूध के 10 पैकेटों में से एक असुरक्षित हो सकता है। प्रसंस्कृत दूध के नमूनों के अलावा, कच्चे दूध के नमूनों में से 4.8 प्रतिशत (3825 में से 185) सुरक्षा के लिए गैर-अनुपालन योग्य पाए गए।
यह चिंताजनक है , अगर सुरक्षित दूध का प्रमाण इतना काम होता है तोह हम जान सकते है के रोज पिने वाले दूध से हम क्या ले रहे है
“केंद्रीय खाद्य नियामक से संदेश भ्रामक है। रिपोर्ट से अन्यथा पता चलता है। दुःख की बात है कि दूध उतना सुरक्षित नहीं है जितना संचार किया जा रहा है। ”,
क्या होता है कैल्शियम?
लोहा, मैग्नीशियम और तांबा की तरह, कैल्शियम एक खनिज है। यह मिट्टी में पाया जाता है, जहां से यह पौधों की जड़ों में अवशोषित होता है। इन कैल्शियम युक्त पौधों के सेवन से पशु अपना कैल्शियम प्राप्त करते हैं। इसलिए भले ही हम सभी यह मानते हैं कि कैल्शियम दूध और डेयरी उत्पादों से आता है, लेकिन कैल्शियम का वास्तविक स्रोत पृथ्वी ही है। कोई आश्चर्य नहीं कि एक सम्पूर्ण वनस्पति-आधारित आहार में कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है।

हमें प्रतिदिन कितने कैल्शियम की आवश्यकता होती है?
यह विषय एक बहस का मुद्दा बना हुआ है। सबसे बड़े विवादों में से एक यह है कि अगर हम अपने भोजन में से दूध को निकल दें तो क्या वास्तव में सम्पूर्ण शाकाहारी (सिर्फ पेड-पौधों से प्राप्त) भोजन से हम अपनी रोज की कैल्शियम की जरूरत को पूरा कर सकते हैं?
अधिकांश वयस्कों के लिए कैल्शियम के लिए वर्तमान दैनिक मात्रा 1,000 से 1,200 मिलीग्राम है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह अधिक मात्रा की जरूरत अधिक पशु प्रोटीन का सेवन करने के कारण होती है। अधिक पशु प्रोटीन को अपने आहार में सम्मिलित करने से शरीर से मूत्र द्वारा अधिक मात्रा में कैल्शियम का उत्सर्जन होता है इसलिए इस तरह का आहार सेवन करने वालों के लिए कैल्शियम की आवश्यकता भी अधिक होती है।
अब ये सब पढ़ कर हमें कैल्सिम के बारे में पता लग गया अब देखते है दूध में कितना कैल्शियम है ?
दूध
कार्बोहाइड्रेट 5.26 g
राइबोफ्लेविन (विट. B2) 0.183 mg 12%
विटामिन B12 0.44 μg 18%
विटामिन D 40 IU 20%
कैल्शियम 113 mg 11%
कैल्शियम- बता दें, हर तरह से दूध में दही से ज्यादा कैल्शियम होता है. 100 ग्राम दूध में लगभग 125 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है. जबकि, 100 ग्राम दही में 85 मिलीग्राम कैल्शियम मौजूद होता है.
अब थोड़ा कही नहीं पढ़ा होगा जो अति महत्वपूर्ण भी है
दूध पीने से पहले भूलकर भी न खाएं ये 5 चीजें
1 तिल और नमक – तिल और नमक से बनी चीजों को खा रहे हैं, तो इसके बाद दूध का सेवन बिल्कुल न करें। यह आपको नुकासान पहुंचा सकती हैं। इनके सेवन के करीब 2 घंटे बाद ही दूध पिएं।
2 उड़द – उड़द की दाल के बाद दूध का सेवन पेट व स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का कारण बन सकता है। अत: उड़द की दाल और दूध के सेवन के बीच कम से कम दो घंटों का अंतराल जरूर रखें।
3 सिट्रिक फल – सिट्रिक एसिड युक्त खट्टे फलों का सेवन करने के बाद दूध का सेवन हानिकारक है। अत: इन दोनों का सेवन करते समय लंबा अंतराल होना आवश्यक है।
4 मछली – अगर आप फिश खाने के शौकीन हैं, तो इसे खाने के बाद गलती से भी कभी दूध का सेवन न करें। ऐसा करने से आपको फूड पॉइजनिंग के साथ-साथ पेट संबंधी अन्य तकलीफें हो सकती हैं।
5 दही – दही खाने के बाद दूध का सेवन करने से बचें, अन्यथा आपको पेट संबंधी समस्याएं और पाचन में गड़बड़ी हो सकती है।
Frequently asked Questions
1. किसी स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन कितनी मात्रा में दूध का सेवन करना चाहिए?Ads by Jagran.TV
यह कई बातों पर निर्भर करता है। इसका कोई स्पष्ट नियम नहीं है। दूध से शरीर को कैल्शियम, फैट और प्रोटीन का पोषण मिलता है। नॉन-वेजटेरियन लोगों को मछली, अंडा और चिकेन जैसी चीज़ों से ऐसे ज़रूरी तत्व मिल जाते हैं लेकिन शाकाहारी लोग इसके लिए दूध पर ही निर्भर होते हैं। हालांकि यह भी ज़रूरी नहीं है कि नॉनवेज खाने वाले लोग प्रतिदिन ऐसी चीज़ों का पर्याप्त मात्रा में सेवन करें। इसीलिए सभी को प्रतिदिन कुल 1/2 लीटर दूध (इममें चाय-कॉफी, मिल्कशेक, लस्सी या छाछ को भी शामिल किया जाता है) का सेवन करना चाहिए।
2. इस बात में कितनी सच्चाई है कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को शुद्ध दूध हजम नहीं होता, इसलिए उन्हें दूध में पानी मिला कर देना चाहिए?
यह बात बिलकुल सच है लेकिन दूध में पानी मिलाकर देना इस समस्या का समाधान नहीं है। दरअसल इतनी छोटी उम्र में लैक्टोज़ इनटॉलरेंस का पता नहीं लगाया जा सकता। इसीलिए एक साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मां का दूध ही पर्याप्त होता है। अगर किसी वजह से शिशु का पेट नहीं भरता तो उसे डिब्बाबंद मिल्क देना चाहिए। एक साल की उम्र के बाद शिशु को गाय का दूध देना ठीक रहता है क्योंकि तुलनात्मक रूप से इसमें फैट की मात्रा कम होती है और यह शिशु के लिए सुपाच्य होता है।
3. क्या ठंडा दूध एसिडिटी से बचाव में मददगार होता है?
कुछ लोग ऐसा मानते हैं पर इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
4. सेहत के लिए गाय का दूध फायदेमंद होता है या भैंस का?
सेहत के लिए दोनों ही फायदेमंद हैं लेकिन तुलनात्मक रूप से भैंस के दूध में फैट की मात्रा दोगुनी होती है, इसलिए जो लोग ओबेसिटी से बचना चाहते हैं, उन्हें गाय के दूध का ही सेवन करना चाहिए।
5. क्या सर्जरी के बाद दूध पीने से स्टिचेज़ में पस बनने की आशंका रहती है?
यह भ्रामक धारणा है। इस समस्या से दूध का कोई संबंध नहीं हैं बल्कि सर्जरी के बाद सेहत में सुधार के लिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन की ज़रूरत होती है और इसके लिए दूध पीना फायदेमंद होता है।